Sunday 29 March 2020

मैखाना होलौ बंद आ पैमाना होलौ बंद / कवि - प्रकाश रंजन 'शैल'

कोरोना बंदी पर दू गो बंदिश

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1
मैखाना होलौ बंद आ पैमाना होलौ बंद
पंडितजी हथिन बंद आ मौलाना होलौ बंद।

अल्लाह हथिन बंद आ भगवान हथिन बंद
राहत के बात हौ कि मेहमान होलौ बंद।

कारोबार होलौ बंद साहुकार होलौ बंद
व्यवहार होलौ बंद सरोकार होलौ बंद।

रेल हौ जी बंद भईया खेल होलौ बंद
आंखि बैठि जाइ तो से मेल होलौ बंद।


2
(ई मगही भाषा में ना हे)

लैला जे हुयी बंद त करेजा तड़प गया
बौरा गया इ मजनू आ छत से छरप गया।

थोड़के तनी आगे बढे यमराज दिख गया
पीछे मे हमरे इश्क के फरियाद लिख गया।

कउनौ जा के होखे इश्क का सलाम कह दीहो
लगैलीक हल्दी-चूना आ झंडू बाम कह दीहो।।
.......


कवि - प्रकाश रंजन 'शैल', पटना।
ईमेल - prakashphc@gmail.com
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