Saturday 22 September 2018

भादो में बरखय बदरिया / मगही कविता - लता प्रासर

भादो में बरखय बदरिया 
कवयित्री - लता प्रासर 


भादो में बरखय बदरिया
नगरिया भींगय हे सखी

जयसे जयसे चमकय बिजुरिया
जिया मोरा तड़पय हे सखी
भागहय रहिया बटोहिया
घर कयसे जैबय हे सखी
भादो में बरखय बदरिया
नगरिया भींगय हे सखी

घेरले हय कारी बदरिया
चुऐ सगरो ओहरिया हे सखी
नुकी गेलय घर के जबैया
बरबा की छैया हे सखी
भादो में बरखय बदरिया
नगरिया भींगय हे सखी

पनिया से भीगलय बदनमा
आउ लाज से मनमा हे सखी
घुरी घुरी देख के बटोहिया
हले से विंहसय हे सखी
भादो में बरखय बदरिया
नगरिया भींगय हे सखी

टोह होंथीं हमरों सजनमा
छनकहय मनमा हे सखी
छप छप छहलहय पनिया
रहिया में होतै देरिया हे सखी
भादो में बरखय बदरिया
नगरिया भींगय हे सखी.

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कवयित्री- लता प्रासर
मोबाइल नंबर- 7277965160
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