Friday 19 April 2019

हम्मर जगह हय / लता प्रासर

मगही लघु कथा



मुनकी आझे फिनु मरुआल हय। ओकरा केतना हुल्लस हलय पढ़ेके, इसकुल में सभे से आगु हलय कबड्डी खेले में । सब गाम बला कह हलय छौड़ी जरिको नय लजा हय, खेल खेले में आउ बोले में धाकड़ हय।

मुनकी के बाउजी के मरला बड़ी दिन हो गेलय। जहिना से मुनकी आउ ओकर भाय बहिन मिलके  माय के साथे साथे कटनी बधनी करने गुजारा कर रहले ह अप्पन।

गोतिया बला इ देख देख के जरS हय।जरतपन से मुनकी के आगु बला जगहिया में उ अप्पन घर के छज्जा निकाल रहलय ताकि सब लड़य। जहिना घरे में कोय नय हलय। मुनकिया के मैया गेहूं काटे गेल हलय आउ बड़का भैइबा ससुराल गेल हलय ।

मुनकी छिटपिटा रहलय हल कैसे माना करियय छजबा निकालते। कुछ देर चुप रहलय आउ बाकि गोतिया नैया के कहे गेलय कि ओकरा माना करहो हम्मर जगहिया पर छज्जबा नय निकालय। बाकी कोय मुनकी के मदद करेला तैयार नय होलय। ओकर चचा तो साफे कह देलकय कि तोरा लगी हम लड़े जैइयौ। तोरा जे करना हउ जा के कर।

मुनकी अब साहस बटोर के छोटका भाय के तैयार कैलकय । चलहीं माना करें चल हियौ। छोटका भैइबा डर से कहें लगलय छोड़ दीदी नय मानतौ। बाकि मुनकी से नय रहल गेलय। घरबा से  निकस गेलय।

दु गो मिस्त्री लगल हलय आउ दुनिया गो लेबर। भोनहा ओज्जी खड़ा होके छज्जबा निकाले ल कह रहले हल कि मुनकी जाके बोले लगलय- ए भोनहा चच्चा हम्मर जगहिया पर कहें छज्जबा निकाल रहलहो ह। आगु बढ़ा के छज्जबा देहो। हमरा हीं अभी कोय नय हय त तों तंग कर हो। अखनी बाउ रहतखुं हल त तोरा बतैतखुं हल।

मुनकी तूं चुपचाप हिंयां से चल जो।
काहे चल जैइऐ
हमरे जगहिया पर बना रहलहो ह आउ कहहो चल जाय।जरिको राज नय लग हको।निमरा जान के ऐसन कर रहलहो ने।
आगे मुनकी कहलिययौ ने चल जो।
दीदी ठीके ने कहा रहलो ह। हमर इ जगह हर।
असली तोंहू बोले लगना जो बहिनी के समझाहीं गन कि चुपचाप चल जाय।

एतना सुन मुनकी मिस्त्रीया के हाथबा से कढ़निये छीन लेलकय। ऐसे मिस्त्री जी न्यूज बनतो इ सब । काम रोक द।

होनहार आव देखलकय नय ताव गेलग आउ एगो छड़ ले के आइलय जैमहीं की नय। नय त एकरे से मथबा फाड़ देबउ।

मुनकी भी कहां पीछे हटे बला हय। हमरे जगहिया पर घरबो बनैबहो आउ हमरे मारभो। मार मुनकी एक आगु बढ़ गेलय । 
होनहार - हट जो मुनकी नय त अच्छा नय होतउ। 
नमन हटबो नय इ हम्मर जमीन हय। बउआ जो भौजी के बोला के ले आउ।

उ की करतौ। तूं हूं जो भीतरी भोनहा चच्चा मानभो कि नय। मुनकी जाके कुदार उठा लेलकय तों मारभो त तोरो काट देबो।

भोनहा आइलय कुदरबा जीने ल त मुनकी गरियाबे लगलय। तड्आक भोनहा छड़बा चला देलकय मुनकी माथा फट गेलय । पूरा भीड़ जुट गेलय मुनकी के माता फट गेलय। मुनकी खून से बोतम बोत हो गेलय गाम बला सब कैसहूं गमछी लपेट के खूनमां रोके के कोरसिस करय बाकि ढेर फट गेलय हल जे खून रूके नामे नय ले। बगल के डाक्टर देखें से मना कर देलकय। हालि से गाम बला मिलके शहर के अस्पताल पहुंचा देलकय सब।
बाप रे छत्तीस टांका पड़लय। गामा बला कह रहले हल । बाकि मुनकी अभियो बेहोशी में भी यही कह रहले ह कि इस हम्मर जगह हय।
......

लिखताहर - लता प्रासर
प्रतिक्रिया खातिर ईमेल आईडी- editorbejodindia@yahoo.com

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